‘भ’ से शुरू होने वाले हिन्दी मुहावरे / Hindi Idioms start with भ
( भ ) से शुरू वाले हिन्दी मुहावरे
‘भ’ से शुरू होने वाले हिन्दी के कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ, वाक्य में प्रयोग सहित इस लेख द्वारा उपलब्ध कराये गए है।
भीगी बिल्ली होना (अर्थ – डर से दबना)-
वाक्य प्रयोग – वह अपने शिक्षक के सामने भीगी बिल्ली हो जाता है।
भानमती का कुनबा जोड़ना (अर्थ – अलग-अलग तरह की चीजें जोड़ना या इकट्ठा करना)-
वाक्य प्रयोग – राजू ने अपने ऑफिस में भानमती का कुनबा जोड़ा हुआ है, उसमें सभी तरह के लोग हैं।
भंडा फूटना (अर्थ – पोल खुलना)-
वाक्य प्रयोग – भंडा फूटने के डर से रवि मीटिंग से उठ कर चला गया।
भंडा फोड़ना (अर्थ – पोल खोलना)-
वाक्य प्रयोग – जरा-सी कहासुनी पर महेश ने रवि का भंडा फोड़ दिया।
भगवान को प्यारे हो जाना (अर्थ – मर जाना)-
वाक्य प्रयोग – सोनू के नानाजी कल भगवान को प्यारे हो गए।
भरी थाली में लात मारना (अर्थ – लगी लगाई नौकरी छोड़ना)-
वाक्य प्रयोग – राजू ने भरी थाली में लात मारकर अच्छा नहीं किया।
भांजी मारना (अर्थ – किसी के बनते काम को बिगाड़ना)-
वाक्य प्रयोग – रामू के विवाह में उसके ताऊ ने भांजी मार दी।
भेड़ की खाल में भेड़िया (अर्थ – देखने में सरल तथा भोलाभाला, पर वास्तव में खतरनाक)-
वाक्य प्रयोग – कालू तो भेड़ की खाल में भेड़िया है।
भैंस के आगे बीन बजाना (अर्थ – वज्र मूर्ख के सामने बुद्धिमानी की बातें करना)-
वाक्य प्रयोग – राजू को कोई बात समझाना तो भैंस के आगे बीन बजाना है।
भौंहे टेढ़ी करना (अर्थ – क्रोध आना)-
वाक्य प्रयोग – पिताजी की जरा भौंहे टेढ़ी करते ही पिंटू चुप हो गया।
भनक पड़ना (अर्थ – सुनाई पड़ना)-
वाक्य प्रयोग – पुजारी जी ने अपनी लड़की की शादी कर दी और किसी को भनक तक नहीं पड़ी।
भाड़ झोंकना (अर्थ – व्यर्थ समय नष्ट करना)-
वाक्य प्रयोग – अगर पढ़ाई-लिखाई नहीं करोगे तो सारी जिंदगी भाड़ झोंकोगे।
भाड़े का टट्टू (अर्थ – किराए का आदमी)-
वाक्य प्रयोग – इस तरह के काम भाड़े के टट्टुओं से नहीं होते। खुद मेहनत करनी पड़ती है।
भूत चढ़ना या सवार होना (अर्थ – किसी काम में पूरी तरह लग जाना)-
वाक्य प्रयोग – उस पर आजकल परीक्षा का भूत सवार है। दिन रात पढ़ने में ही लगी रहती है।
भूत उतरना (अर्थ – क्रोध शांत होना)-
वाक्य प्रयोग – उससे कुछ मत कहो। जब भूत उतर जाएगा तब खुद ही शांत हो जाएगा।
भूत बनकर लगना (अर्थ – जी-जान से लगना)-
वाक्य प्रयोग – वह तो मेरे पीछे भूत बनकर लग गया है, छोड़ने का नाम ही नहीं लेता।
भृकुटि तन जाना (अर्थ – क्रोध आना)-
वाक्य प्रयोग – मेरी बात सुनते ही अध्यापक महोदय की भृकुटि तन गई।
भोग लगाना (अर्थ – देवता/ईश्वर को नैवेद्य चढ़ाना)-
वाक्य प्रयोग – मैं पहले ठाकुरजी को भोग लगाऊँगा तब नाश्ता करूँगा।
भभूत रमाना (अर्थ – साधु हो जाना)-
वाक्य प्रयोग – बेचारे की पत्नी मरी, तो उसने भभूत रमा लिया।
भर नजर देखना (अर्थ – अच्छी तरह देखना)-
वाक्य प्रयोग – आओ, तुझे भर नजर देख लूँ, पता नहीं फिर कब मुलाकात होती है ?
भँवरा बना फिरना (अर्थ – रस-लोलुप होना)-
वाक्य प्रयोग – इन दिनों कुमार भँवरा बना फिरता है।
भाग्य खुलना (अर्थ – भाग्य चमकना)-
वाक्य प्रयोग – देखें, हमारा भाग्य कब खुलता है ?
भाग्य फूटना (अर्थ – किस्मत बिगड़ना)-
वाक्य प्रयोग – भाग्य फूट गया जो तुमसे संबंध किया।
भुजा उठा कर कहना (अर्थ – प्रतिज्ञा करना)-
वाक्य प्रयोग – ”निशिचरहीन करौं महीं, भुज उठाइ पन कीन्ह”।
भूँजी भाँग न होना (अर्थ – अत्यंत दरिद्र होना)-
वाक्य प्रयोग – घर भूँजी भाँग नहीं और दरवाजे पर तमाशा करा रहे हैं।
भीष्म प्रतिज्ञा करना (अर्थ – कठोर प्रतिज्ञा, कसम खाना या दृढ़ निश्र्चय करना)-
वाक्य प्रयोग – महात्मा गाँधी ने देश को स्वतंत्र करने की भीष्म प्रतिज्ञा की थी।
भगीरथ प्रयत्न (अर्थ – बहुत बड़ा प्रयत्न)
भेड़ियाधसान होना (अर्थ – देखा-देखी करना)
भारी लगना (अर्थ – असहय होना)