( ऋ ) से शुरू वाले हिन्दी मुहावरे
‘ऋ’ से शुरू होने वाले हिन्दी के कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ, वाक्य में प्रयोग सहित इस लेख द्वारा उपलब्ध कराये गए है।
ऋण उतारना (अर्थ – कर्ज अदा होना) –
वाक्य प्रयोग – हमारा ऋण उतर गया है।
ऋण करना – (अर्थ – अपने उपर कर्जा करना) –
वाक्य प्रयोग : पिता जी ऋण करके मर गए, अब मुझे ही चुकाना है।
ऋण काढना (अर्थ – कर्जा लेना) –
वाक्य प्रयोग – ऋण काढकर करने से कुछ न करना अच्छा है।
ऋण खाना (अर्थ – कर्ज लेना) –
वाक्य प्रयोग : दुनिया भूखी मर जाये पर ऋण खोन वाला कभी भूखा नही मरता।
ऋण चढना (अर्थ – कर्ज होना) –
वाक्य प्रयोग – मेरे उपर बहुत ऋण चढ गया है अब देने का उपाय करना चाहिए
ऋण चढाना (अर्थ – कर्ज बढाना) –
वाक्य प्रयोग : ऋण बढाना बहुत बुरा होता है।
ऋण पटना (अर्थ – कर्ज वसूल होना) –
वाक्य प्रयोग : इस आदमी से ऋण पट जाय तो बडा भाग्य समझो।
ऋण पटाना (अर्थ – कर्ज वसूल करना) –
वाक्य प्रयोग – उससे ऋण पटा दो तो तुम्हे भी कुछ हिस्सा दे दूं।
ऋण मढना (अर्थ – किसी पर ऋण छोडना) –
वाक्य प्रयोग : मेरे भाई मेरे उपर ऋण मढ कर अपने विदेश चले गये।
ऋण शुद्धि होना (अर्थ – कर्ज का अदा हो जाना) –
वाक्य प्रयोग – किसी तरह से ऋण शुद्धि हो जाती तो ईश्वर को धन्यवाद देता।