‘स’ से शुरू होने वाले हिन्दी मुहावरे / Hindi Idioms start with स

( स ) से शुरू वाले हिन्दी मुहावरे

‘स’ से शुरू होने वाले हिन्दी के कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ, वाक्य में प्रयोग सहित इस लेख द्वारा उपलब्ध कराये गए है।

सर्द हो जाना (अर्थ – डरना, मरना)-

वाक्य प्रयोग – बड़ा साहसी बनता था, पर भूत का नाम सुनते ही सर्द हो गया।

साँप-छछूंदर की हालत (अर्थ – दुविधा)-

वाक्य प्रयोग – पिता अलग नाराज है, माँ अलग। किसे क्या कहकर मनाऊँ ?मेरी तो साँप-छछूंदर की हालत है इन दिनों।

समझ (अक्ल) पर पत्थर पड़ना (अर्थ – बुद्धि भ्रष्ट होना)-

वाक्य प्रयोग – रावण की समझ पर पत्थर पड़ा था कि भला कहनेवालों को उसने लात मारी।

सिक्का जमना (अर्थ – प्रभाव जमना)-

वाक्य प्रयोग – आज तुम्हारे भाषण का वह सिक्का जमा कि उसके बाद बाकी वक्ता जमे ही नहीं।

सवा सोलह आने सही (अर्थ – पूरे तौर पर ठीक)-

वाक्य प्रयोग – राम की सेना में हनुमान इसलिए श्रेष्ठ माने जाते थे कि हर काम में वे ही सवा सोलह आने सही उतरते थे।

सर धुनना (अर्थ – शोक करना)-

वाक्य प्रयोग – राम परीक्षा में असफल होने पर सर धुनने लगी।

सर गंजा कर देना (अर्थ – खूब पीटना)-

वाक्य प्रयोग – भागो यहाँ से, नही तो सर गंजा कर दूँगा।

सफेद झूठ (अर्थ – सरासर झुठ)-

वाक्य प्रयोग – यह सफेद झूठ है कि मैंने उसे गाली दी।

संसार देखना (अर्थ – सांसारिक अनुभव प्राप्त करना)-

वाक्य प्रयोग – गुरुजी ज्ञानी और विद्वान हैं। उन्होंने संसार देखा है।

संसार बसाना (अर्थ – विवाह करके कौटुम्बिक जीवन व्यतीत करना)-

वाक्य प्रयोग – शंभू ने अपना संसार बसा लिया है।

संसार सिर पर उठा लेना (अर्थ – बहुत उपद्रव करना)-

वाक्य प्रयोग – अंकुर और पुनीत जहाँ भी जाते हैं, संसार सिर पर उठा लेते हैं।

सनीचर सवार होना (अर्थ – बुरे दिन आना)-

वाक्य प्रयोग – सुनील पर सनीचर सवार हो गया है तभी वह अपना घर बेच रहा है।

सरकारी मेहमान (अर्थ – कैदी)-

वाक्य प्रयोग – मुन्ना झूठे आरोप में ही सरकारी मेहमान बन गया।

सराय का कुत्ता (अर्थ – स्वार्थी आदमी)-

वाक्य प्रयोग – सब जानते हैं कि अभिषेक तो सराय का कुत्ता है तभी उसका कोई मित्र नहीं है।

साँप का बच्चा (अर्थ – दुष्ट व्यक्ति)-

वाक्य प्रयोग – समर पूरा साँप का बच्चा है।

साँप लोटना (अर्थ – ईर्ष्या आदि के कारण अत्यन्त दुःखी होना)-

वाक्य प्रयोग – राजू की सरकारी नौकरी लग गई तो पड़ोसी के साँप लोट गया।

सागपात समझना (अर्थ – तुच्छ समझना)-

वाक्य प्रयोग – रामू को सागपात समझना बड़ी भूल होगी, वह तो बी.ए. पास है।

साया उठ जाना (अर्थ – संरक्षक का मर जाना)-

वाक्य प्रयोग – सर से साया उठ जाने पर रवि अनाथ हो गया है।

सिर ऊँचा उठाना (अर्थ – इज्जत से खड़ा होना)-

वाक्य प्रयोग – अपनी ईमानदारी के कारण मुन्ना समाज में आज सिर ऊँचा उठाए खड़ा है।

सिर खाली करना (अर्थ – बहुत या बेकार की बातें करना)-

वाक्य प्रयोग – कल भवेश ने घर आकर मेरा सिर खाली कर दिया।

सिर पर आसमान उठाना (अर्थ – बहुत शोरगुल करना)-

वाक्य प्रयोग – माँ के बिना बच्चे ने सिर पर आसमान उठा लिया है।

सिर पर कफ़न बाँधना (अर्थ – मरने के लिए तैयार रहना)-

वाक्य प्रयोग – सैनिक सीमा पर सिर पर कफ़न बाँधे रहते हैं।

सिर पर पाँव रख कर भागना (अर्थ – बहुत तेजी से भाग जाना)-

वाक्य प्रयोग – पुलिस को देख कर डाकू सिर पर पाँव रख कर भाग गए।

सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना (अर्थ – कार्यारम्भ में विघ्न पड़ना)-

वाक्य प्रयोग – यदि मैं जानता कि सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ेंगे तो विवाह के नजदीक ही न जाता।

सिर सफेद होना (अर्थ – बुढ़ापा होना)-

वाक्य प्रयोग – अब नरेश का सिर सफेद हो गया है।

सिर पर आ जाना (अर्थ – बहुत नजदीक होना)-

वाक्य प्रयोग – परीक्षा मेरे सिर पर आ गयी है, अब मुझे खूब पढ़ना चाहिए।

सिर खुजलाना (अर्थ – बहलाना करना)-

वाक्य प्रयोग – सिर न खुजलाओ, देना है तो दो।

सींकिया पहलवान (अर्थ – दुबला-पतला व्यक्ति, जो स्वयं को बलवान समझता है।)-

वाक्य प्रयोग – शामू सींकिया पहलवान है फिर भी वह अपने आपको दारासिंह समझता है।

सूरज को दीपक दिखाना (अर्थ – जो स्वयं प्रसिद्ध या श्रेष्ठ हो उसके विषय में कुछ कहना)-

वाक्य प्रयोग – आप जैसे व्यक्ति को कुछ कहना सूरज को दीपक दिखाना हैं।

सूरज पर थूकना (अर्थ – नितान्त निर्दोष व्यक्ति पर लांछन लगाना)-

वाक्य प्रयोग – अमर के बारे में कुछ कहना तो सूरज पर थूकना है।







सेर को सवा सेर मिलना (अर्थ – किसी जबरदस्त व्यक्ति को उससे भी बलवान या अच्छा व्यक्ति मिलना)-

वाक्य प्रयोग – सेर को सवा सेर मिल गया, अब राजू को मजा आएगा।

सोने की चिड़िया (अर्थ – धनी देश)-

वाक्य प्रयोग – हिन्दुस्तान इंग्लैण्ड के लिए सोने की चिड़ियाँ था।

स्वाहा होना (अर्थ – जल जाना, नष्ट या खत्म होना)-

वाक्य प्रयोग – कल जरा-सी चिंगारी से सैकड़ों झुग्गियाँ स्वाहा हो गई।

संतोष की साँस लेना (अर्थ – राहत अनुभव करना)-

वाक्य प्रयोग – बच्चे को गोद में लेकर नदी पार कर ली तब जाकर संतोष की साँस ली।

सकते में आना (अर्थ – चकित रह जाना)-

वाक्य प्रयोग – हामिद मियाँ को इस पार्टी में देखकर वह सकते में आ गई। उसे यकीन ही नहीं होता था कि वह हामिद है।

सठिया जाना (अर्थ – बुद्धि नष्ट हो जाना)-

वाक्य प्रयोग – वह अब सठिया गया है, इसलिए बहकी बातें करने लगा है। उसकी बातों का बुरा मत मानो।

सनक सवार होना (अर्थ – किसी काम को करने की धुन लग जाना)-

वाक्य प्रयोग – मेरी छोटी बहन को गाना सीखने की सनक सवार हो गई है, इसलिए रोज शाम को विद्यालय जाती है।

सन्न रह जाना (अर्थ – कुछ करते न बनना)-

वाक्य प्रयोग – इनकमटैक्स-अधिकारियों को अचानक अपने घर पर देखकर सेठजी सन्न रह गए।

सन्नाटा छाना (अर्थ – सब लोगों का चुप हो जाना, ख़ामोशी छा जाना)-

वाक्य प्रयोग – भरी सभा में जब शर्मा जी दहाड़े तो चारों ओर सन्नाटा छा गया।

सबक मिलना (अर्थ – शिक्षा/दंड मिलना)-

वाक्य प्रयोग – अच्छा हुआ जो मुरारी को इस बार परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। इससे दूसरे छात्रों को भी सबक मिलेगा।

सब्जबाग दिखाना (अर्थ – झूठी आशाएँ दिलाना)-

वाक्य प्रयोग – कुछ एजेंट लोगों को विदेश भेजने की बातें करके सब्जबाग दिखाते हैं और उनसे पैसा लूटते हैं।

समाँ बाँधना (अर्थ – रंग जमाना)-

वाक्य प्रयोग – आज लता जी ने कार्यक्रम में समाँ बाँध दिया।

सर्दी खाना (अर्थ – ठंड लग जाना)-

वाक्य प्रयोग – कल सुबह मैं बिना मफलर लिए निकल गया और सर्दी खा गया। इस समय तेज बुखार है।

सरपट दौड़ाना (अर्थ – तेज दौड़ाना)-

वाक्य प्रयोग – राणा प्रताप का घोड़ा युद्ध में सरपट दौड़ता था।

साँप को दूध पिलाना (अर्थ – दुष्ट को प्रश्रय देना)-

वाक्य प्रयोग – नेताजी ने अपनी सुरक्षा के लिए एक गुंडे को रख लिया पर एक दिन उसी गुंडे ने गुस्से में नेताजी का ही खून कर दिया, इसलिए कहा जाता है कि साँप को दूध पिलाना अक्लमंदी नहीं है।

साँप सूँघ जाना (अर्थ – हक्का बक्का रह जाना)-

वाक्य प्रयोग – बहुत गुंडागर्दी कर रहे थे, अब थानेदार साहब को देखकर क्यों साँप सूँघ गया?

साँस लेने की फुर्सत न होना (अर्थ – बहुत व्यस्त होना)-

वाक्य प्रयोग – आजकल इतना काम है कि साँस लेने की फुर्सत नहीं है, मैं इन दिनों आपके साथ नहीं चल सकता।

सात खून माफ करना (अर्थ – बहुत बड़े अपराध माफ करना)-

वाक्य प्रयोग – तुम तो पंडितजी के इतने प्यारे हो कि तुम्हें तो सात खून माफ हैं। तुम कुछ भी कर दोगे तो भी तुमसे कोई भी कुछ नहीं कहेगा।

सात परदों में रखना (अर्थ – छिपाकर रखना)-

वाक्य प्रयोग – उसने सेठजी को धमकी दी थी कि यदि वे अपनी बेटी को सात परदों में भी छिपाकर रखेंगे तो भी वह उसे ले जाएगा और उसी से शादी करेगा।

सातवें आसमान पर चढ़ना (अर्थ – घमंड होना)-

वाक्य प्रयोग – पैसा आते ही तुम तो सातवें आसमान पर चढ़ गए हो। किसी की इज्जत भी नहीं करते।

सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना (अर्थ – बहुत डर जाना)-

वाक्य प्रयोग – जब उस लड़के ने पिस्तौल निकाल ली तो वहाँ खड़े सब लोगों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई।

सिर खाना (अर्थ – व्यर्थ की बातों से तंग करना)-

वाक्य प्रयोग – मेरा सिर मत खाओ। मैं वैसे ही परेशान हूँ।

सिर नीचा करना (अर्थ – इज्जत बढ़ाना)-

वाक्य प्रयोग – रमानाथ के अकेले बेटे ने अपने पिता का सिर ऊँचा कर दिया।

सिर चढ़ना (अर्थ – अशिष्ट या उदंड होना)-

वाक्य प्रयोग – आपके बच्चे बहुत सिर चढ़ गए हैं। किसी की सुनते तक नहीं।

सिर पटकना (अर्थ – पछताना)-

वाक्य प्रयोग – पहले तो मेरी बात नहीं मानी अब सिर पटकने से क्या होगा?

सिर पर खड़ा रहना (अर्थ – बहुत निकट रहना)-

वाक्य प्रयोग – आप उसे कुछ समय के लिए अकेले भी छोड़ दिया करो। चौबीसों घंटे उसके सिर पर खड़े रहना ठीक नहीं है।

सिर पर तलवार लटकना (अर्थ – खतरा होना)-

वाक्य प्रयोग – इस कंपनी में नौकरी करने पर हमेशा सिर पर तलवार ही लटकी रहती है कि कब कोई गलती हुई और नौकरी से निकाल दिए गए।

सिर फिरना (अर्थ – पागल हो जाना)-

वाक्य प्रयोग – उसे मत छेड़ो। अगर उसका सिर फिर गया तो तुम लोगों की शामत आ जाएगी।

सिर मुड़ाते ओले पड़ना (अर्थ – कार्य आरंभ करते ही विघ्न पड़ना)-

वाक्य प्रयोग – हमने व्यापार आरंभ किया ही था कि पुलिस वालों ने आकर हमारा लाइसेंस ही रद्द कर दिया। इसे कहते हैं सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना।

सीधे मुँह बात न करना (अर्थ – घमंड करना)-

वाक्य प्रयोग – उसे अपने पैसे का बहुत घमंड हैं। किसी से सीधे मुँह बात तक नहीं करती।







सुनी अनसुनी करना (अर्थ – ध्यान न देना)-

वाक्य प्रयोग – इस तरह की बातों को सुनी अनसुनी कर देना चाहिए।

सुनते-सुनते कान पक जाना (अर्थ – एक ही बात को सुनते-सुनते ऊब जाना)-

वाक्य प्रयोग – तुम्हारी बातें सुनते-सुनते तो मेरे कान पक गए हैं, अब कुछ मत बोलो।

सुर्खाब के पर लगना (अर्थ – कोई विशेष गुण होना)-

वाक्य प्रयोग – उस लड़की में क्या सुर्खाव के पर लगे थे जो मुझे छोड़कर उसे नौकरी मिल गई।

सुईं का भाला बनाना (अर्थ – छोटी-सी बात को बढ़ाना)-

वाक्य प्रयोग – इस मामले को यहीं समाप्त करो। इतनी-सी बात का सुईं का भाला मत बनाओ।

सूख कर काँटा हो जाना (अर्थ – बहुत कमजोर हो जाना)-

वाक्य प्रयोग – आइ० ए० एस० की तैयार में क्या लगा रहा, वह तो एकदम सूखकर काँटा हो गया है।

सेंध लगाना (अर्थ – चोरी करने के लिए दीवार में छेद करना)-

वाक्य प्रयोग – मेरे घर के पीछे की दीवार पर कल रात चोरों ने सेंध लगाने की कोशिश की थी।

सोने पे सुहागा (अर्थ – बेहतर होना)-

वाक्य प्रयोग – सेठ दीनानाथ पहले से ही करोड़पति थे और अब उनकी लॉटरी भी निकल आई। इसे कहते हैं सोने पे सुहागा।

सौ बात की एक बात (अर्थ – असली बात, निचोड़)-

वाक्य प्रयोग – सौ बात की एक बात यह है कि तू इधर-उधर के धंधे छोड़कर कहीं ठीक से नौकरी कर।

सौदा पटना (अर्थ – भाव ठीक होना)-

वाक्य प्रयोग – अगर यह सौदा पट गया तो हम लोग मालामाल हो जाएँगे।

सब्ज बाग दिखाना (अर्थ – व्यर्थ की आशा दिलाना)-

वाक्य प्रयोग – भाई ! कब तक सब्ज-बाग दिखाते रहोगे, कुछ मेरा काम भी तो करो।

सितारा चमकना या बुलंद होना (अर्थ – सौभाग्य के दिन आना)-

वाक्य प्रयोग – इन दिनों इंदिराजी का सितारा चमक रहा है, बुलंद है।

सुबह का चिराग होना (अर्थ – समाप्ति पर आना)-

वाक्य प्रयोग – वह बहुत दिनों से बीमार है। उसे सुबह का चिराग ही समझो।

सिर उठाना (अर्थ – विरोध में खड़ा होना)-

वाक्य प्रयोग – देखता हूँ, मेरे सामने कौन सिर उठाता है ?

सिर भारी होना (अर्थ – सिर में दर्द होना, शामत सवार होना)-

वाक्य प्रयोग – मेरा सिर भारी हो रहा है। किसका सिर भारी हुआ है जो इसकी चर्चा करें ?

सिर पर सवार होना (अर्थ – पीछे पड़ना)-

वाक्य प्रयोग – तुम कब तक मेरे सिर पर सवार रहोगे ?

सिर से पैर तक (अर्थ – आदि से अन्त तक)-

वाक्य प्रयोग – तुम्हारी जिन्दगी सिर से पैर तक बुराइयों से भरी है।

सिर पीटना (अर्थ – शोक करना)-

वाक्य प्रयोग – चोर उस बेचारे की पाई-पाई ले गये। सिर पीटकर रह गया वह।

सिर पर भूत सवार होना (अर्थ – एक ही रट लगाना, धुन सवार होना)-

वाक्य प्रयोग – मालूम होता है कि घनश्याम के सिर पर भूत सवार हो गया है, जो वह जी-जान से इस काम में लगा है।

सिर फिर जाना (अर्थ – पागल हो जाना)-

वाक्य प्रयोग – धन पाकर उसका सिर फिर गया है।

सिर चढ़ाना (अर्थ – शोख करना)-

वाक्य प्रयोग – बच्चों को सिर चढ़ाना ठीक नहीं।

सिर आँखों पर बिठाना (अर्थ – बहुत आदर-सत्कार करना)-

वाक्य प्रयोग – घर पर आए गुरुजी को छात्र ने सिर आँखों पर बिठा लिया।

सिर ऊँचा उठाना (अर्थ – इज्जत से खड़ा होना)-

वाक्य प्रयोग – अपनी ईमानदारी के कारण मुन्ना समाज में आज सिर ऊँचा उठाए खड़ा है।

सिर खाली करना (अर्थ – बहुत या बेकार की बातें करना)-

वाक्य प्रयोग – कल भवेश ने घर आकर मेरा सिर खाली कर दिया।

सिर पर आसमान उठाना (अर्थ – बहुत शोरगुल करना)-

वाक्य प्रयोग – माँ के बिना बच्चे ने सिर पर आसमान उठा लिया है।

सिर पर कफ़न बाँधना (अर्थ – मरने के लिए तैयार रहना)-

वाक्य प्रयोग – सैनिक सीमा पर सिर पर कफ़न बाँधे रहते हैं।

सिर पर पाँव रख कर भागना (अर्थ – बहुत तेजी से भाग जाना)-

वाक्य प्रयोग – पुलिस को देख कर डाकू सिर पर पाँव रख कर भाग गए।

सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना (अर्थ – कार्यारम्भ में विघ्न पड़ना)-

वाक्य प्रयोग – यदि मैं जानता कि सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ेंगे तो विवाह के नजदीक ही न जाता।

सिर सफेद होना (अर्थ – बुढ़ापा होना)-

वाक्य प्रयोग – अब नरेश का सिर सफेद हो गया है।

सिर पर आ जाना (अर्थ – बहुत नजदीक होना)-

वाक्य प्रयोग – परीक्षा मेरे सिर पर आ गयी है, अब मुझे खूब पढ़ना चाहिए।

सिर खुजलाना (अर्थ – बहलाना करना)-

वाक्य प्रयोग – सिर न खुजलाओ, देना है तो दो।







सिर खाना (अर्थ – व्यर्थ की बातों से तंग करना)-

वाक्य प्रयोग – मेरा सिर मत खाओ। मैं वैसे ही परेशान हूँ।

सिर नीचा करना (अर्थ – इज्जत बढ़ाना)-

वाक्य प्रयोग – रमानाथ के अकेले बेटे ने अपने पिता का सिर ऊँचा कर दिया।

सिर चढ़ना (अर्थ – अशिष्ट या उदंड होना)-

वाक्य प्रयोग – आपके बच्चे बहुत सिर चढ़ गए हैं। किसी की सुनते तक नहीं।

सिर पटकना (अर्थ – पछताना)-

वाक्य प्रयोग – पहले तो मेरी बात नहीं मानी अब सिर पटकने से क्या होगा?

सिर पर खड़ा रहना (अर्थ – बहुत निकट रहना)-

वाक्य प्रयोग – आप उसे कुछ समय के लिए अकेले भी छोड़ दिया करो। चौबीसों घंटे उसके सिर पर खड़े रहना ठीक नहीं है।

सिर पर तलवार लटकना (अर्थ – खतरा होना)-

वाक्य प्रयोग – इस कंपनी में नौकरी करने पर हमेशा सिर पर तलवार ही लटकी रहती है कि कब कोई गलती हुई और नौकरी से निकाल दिए गए।

सिर फिरना (अर्थ – पागल हो जाना)-

वाक्य प्रयोग – उसे मत छेड़ो। अगर उसका सिर फिर गया तो तुम लोगों की शामत आ जाएगी।

सिर मुड़ाते ओले पड़ना (अर्थ – कार्य आरंभ करते ही विघ्न पड़ना)-

वाक्य प्रयोग – हमने व्यापार आरंभ किया ही था कि पुलिस वालों ने आकर हमारा लाइसेंस ही रद्द कर दिया। इसे कहते हैं सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना।

सिर चढ़कर बोलना (अर्थ – साक्षात् प्रभावशाली होना)-

वाक्य प्रयोग – उसकी लेखनी में ऐसा जादू है, जो सिर चढ़कर बोलता है।

सिर गंजा कर देना (अर्थ – बहुत पीटना)-

वाक्य प्रयोग – बदमाशी करोगे तो सिर गंजा कर दूँगा।

सिर ऊखल में देना (अर्थ – जान-बूझकर आफत मोल लेना)-

वाक्य प्रयोग – जब सिर ऊखल में दिया तो मूसल का क्या डर ?

सिर का बोझ टलना (अर्थ – निश्र्चिंत होना)-

वाक्य प्रयोग – बेटी का ब्याह हुआ, तो समझो सिर का बोझ टला।

स्याह होना (अर्थ – उदास होना)-

वाक्य प्रयोग – डाँट पड़ते ही बेचारा स्याह हो गया।

सात घाटों का पानी पीना (अर्थ – अनुभवी होना)-

वाक्य प्रयोग – तुम उसे ठग नहीं सकते, वह तो सात घाटों का पानी पी चुका है।

सीधी ऊँगली से घी न निकलना- (अर्थ – भलमनसाहत से काम न होना)

सिर आँखों पर होना- (अर्थ – सहर्ष स्वीकार होना)

सिर खुजलाना- (अर्थ – बहाना करना)

सिर धुनना- (अर्थ – शोक करना)

सुदामा की कुटिया- (अर्थ – गरीब की झोंपड़ी)

सोडावाटर का जोश होना- (अर्थ – क्षणिक जोश होना)

स्टेपनी बनना- (अर्थ – किसी का दुमछल्ला बनना)

सिप्पा भिड़ाना- (अर्थ – उपाय करना)

सात-पाँच करना- (अर्थ – आगे पीछे करना)

सैकड़ों घड़े पानी पड़ना- (अर्थ – लज्जित होना)

सन्नाटे में आना/सकेत में आना- (अर्थ – स्तब्ध हो जाना)

सब धान बाईस पसेरी- (अर्थ – सबके साथ एक-सा व्यवहार, सब कुछ बराबर समझना)

सात जनम में- (अर्थ – कभी भी)

सिंह का बच्चा होना- (अर्थ – बड़ा बहादुर होना)