उ’ से शुरू होने वाले हिन्दी मुहावरे / Hindi Idioms start with उ

( उ ) से शुरू वाले हिन्दी मुहावरे

‘उ’ से शुरू होने वाले हिन्दी के कुछ प्रसिद्ध मुहावरे और उनके अर्थ, वाक्य में प्रयोग सहित इस लेख द्वारा उपलब्ध कराये गए है।

उड़ती चिड़िया को पहचानना (अर्थ –मन की या रहस्य की बात तुरंत जानना)-
वाक्य प्रयोग – कोई मुझे धोखा नही दे सकता। मै उड़ती चिड़िया पहचान लेता हुँ।

उन्नीस बीस का अंतर होना (अर्थ –थोड़ा-सा अन्तर)-
वाक्य प्रयोग – रामू और मोहन की सूरत में बस उन्नीस-बीस का अन्तर हैं।

उँगली उठाना (अर्थ –बदनाम करना या दोषारोपण करना)-
वाक्य प्रयोग – किसी पर खाहमखाह उँगली उठाना गलत हैं।

उँगली पकड़कर पौंहचा पकड़ना (अर्थ –थोड़ा-सा सहारा या मदद पाकर ज्यादा की कोशिश करना)-

वाक्य प्रयोग – उस भिखारी को मैंने एक रुपया दे दिया तो वह पाँच रुपए और माँगने लगा। तब मैंने उससे कहा – अरे भाई, तुम तो उँगली पकड़कर पौंहचा पकड़ रहे हो।

उड़ जाना (अर्थ –खर्च हो जाना)-
वाक्य प्रयोग – अरे मित्र, महीना पूरा होने से पहले ही सारा वेतन उड़ जाता हैं।

उड़ती खबर (अर्थ –अफवाह)-
वाक्य प्रयोग – मित्र, ये तो उड़ती खबर हैं। प्रधानमंत्री को कुछ नहीं हुआ।

उड़न-छू हो जाना (अर्थ –गायब हो जाना)-
वाक्य प्रयोग – जो भी हाथ लगा, चोर वही लेकर उड़न-छूहो गया।

उधेड़बुन में पड़ना या रहना (अर्थ –फिक्र या चिन्ता करना)-
वाक्य प्रयोग – रामू को जब देखो, पैसों की उधेड़बुन में लगा रहता हैं।

उबल पड़ना (अर्थ –एकाएक क्रोधित होना)-
वाक्य प्रयोग – दादी माँ से सब बच्चे डरते हैं, पता नहीं वे कब उबल पड़ें।

उलटी गंगा बहाना (अर्थ –अनहोनी या लीक से हटकर बात करना)-
वाक्य प्रयोग – अमित हमेशा उल्टी गंगा बहाता हैं – कह रहा था कि वह हाथों के बल चलकर स्कूल जाएगा।

उलटी माला फेरना (अर्थ –बुराई या अनिष्ट चाहना)-
वाक्य प्रयोग – जब आयुष को रमेश ने चाँटा मारा तो वह उल्टी माला फेरने लगा।

उलटी-सीधी जड़ना (अर्थ –झूठी शिकायत करना)-
वाक्य प्रयोग – उल्टी-सीधी जड़ना तो माया की आदत हैं।

उलटी-सीधी सुनाना (अर्थ –डाँटना-फटकारना)-
वाक्य प्रयोग – जब माला ने दादी का कहना नहीं माना तो वे उसे उल्टी-सीधी सुनाने लगीं।

उलटे छुरे से मूँड़ना (अर्थ –ठगना)-
वाक्य प्रयोग – प्रयाग में पण्डे और रिक्शा वाले गरीब ग्रामीणों को उल्टे छुरे से मूँड़ देते हैं।

उलटे मुँह गिरना (अर्थ –दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयास में स्वयं नीचा देखना)-
वाक्य प्रयोग – दूसरों को धोखा मत दो। किसी दिन सेर को सवा सेर मिल गया तो उलटे मुँह गिरोगे।




उलटे पाँव लौटना (अर्थ –बिना रुके, तुरंत वापस लौट जाना)-
वाक्य प्रयोग – मनीष के घर पर ताला लगा था इसलिए मैं उलटे पाँव लौट आया।

उल्लू बनाना (अर्थ –बेवकूफ बनाना)-
वाक्य प्रयोग – कल एक साधु, ममता को उल्लू बनाकर उससे रुपए ले गया।

उल्लू सीधा करना (अर्थ –अपना स्वार्थ सिद्ध करना)-
वाक्य प्रयोग – मुझे ज्ञात हैं, तुम यहाँ अपना उल्लू सीधा करने आए हो।

उँगलियों पर नचाना (अर्थ –वश में करना)-
वाक्य प्रयोग – इब्राहीम की पत्नी तो उसे अपनी उँगलियों पर नचाती है।

उगल देना (अर्थ –भेद प्रकट कर देना)-
वाक्य प्रयोग – जब पुलिस के डंडे पड़े तो उस चोर ने सब कुछ सच-सच उगल दिया।

उठ जाना (अर्थ –मर जाना)-
वाक्य प्रयोग – जो भले लोग होते हैं उनके उठ जाने के बाद भी दुनिया उन्हें याद करती है।

उल्लू बोलना (अर्थ –वीरान स्थान होना)-
वाक्य प्रयोग – जब पुलिस उस घर में घुसी तो वहाँ कोई नहीं था, उल्लू बोल रहे थे।

उल्लू का पट्ठा (अर्थ –निपट मूर्ख)-
वाक्य प्रयोग – उस उल्लू के पट्ठे को इतना समझाया कि दूसरों से पंगा न ले लेकिन उस समय उसने मेरी एक न सुनी। अब जब उलटे मुँह गिरा तो अक्ल आई।

उतने पाँव पसारिए, जितनी चादर होय (अर्थ – आदमी को अपनी सामर्थ्य और शक्ति के अनुसार ही कोई काम करना चाहिए)-
वाक्य प्रयोग – रोहन हमेशा आमदनी से अधिक खर्च करता है और बाद में पैसे उधार लेता फिरता है। इस पर माँ ने कहा कि आदमी की जितनी चादर हो उतने ही पैर फैलाने चाहिए।

उड़ती चिड़िया के पंख गिनना (अर्थ – अनुभवी होना, किसी भी कार्य में अत्यंत निपुण या दक्ष होना)-
वाक्य प्रयोग – कौशल के साथ रहते-रहते शिवम इतना होशियार हो गया है कि उड़ती चिड़िया के पंख गिनने लगा है।

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे (अर्थ – दोषी होने पर भी दूसरे को दोषी बताना, स्वयं अपराधी होकर दूसरे को दोषी ठहराना)-
वाक्य प्रयोग – रमेश ने कभी भी पूरे साल पढ़ाई नहीं की और अब जब फैल हो गया तो टीचर को दोष दे रहा है कि उसने पढ़ाया नहीं सही है। उल्टा चोर कोतवाल को डांटे

उल्टे बांस बरेली को (अर्थ – विपरीत कार्य करना)-
वाक्य प्रयोग – लालू तो पूरा ही मुर्ख है घडी ‌‌‌के दुकानदार को घडी गिफ्ट मे दे दी यही है उल्टे बास बरेली को




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