आँवले का मुरब्बा Amla Murabba घर पर आसानी से बनाया जा सकता है। आँवला किसी भी रूप में खाएं , इसके गुण कम नहीं होते। मुरब्बा आँवला खाने का सबसे सरल तरीका है। आइये जानें आँवले का मुरब्बा कैसे बनायें।
आँवले में एंटीओक्सिडेंट , विटामिन सी , आयरन तथा और भी बहुत से गुणकारी तत्व होते है। आर्युवेद में कहा गया है की आंवला शरीर के 99 दोष दूर करता है। आंवला नित्य उपयोग करके लम्बे समय तक जवां बने रह सकते है। दिमागी शक्ति के लिए , त्वचा व बालों के लिए , बवासीर , कब्ज आदि में इसका उपयोग लाभदायक है ।
आंवला मुरब्बा
आँवले से आँवला केंडी , आँवला सुपारी , त्रिफला चूर्ण , आँवले की लोंजी ,आंवले का अचार आदि भी बनाये जाते है । आंवले के पाउडर का उपयोग भी किया जा सकता है। आंवले का तेल सिर में लगाना बालों के लिए फायदेमंद होता है।
आँवला खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती जिससे जल्दी से बीमार नहीं होते है परन्तु आंवला मुरब्बा की प्रकृति ठंडी होती है। इसीलिए जब बुखार , खाँसी जुकाम कफ हो तो नहीं खाना चाहिए। इसे सुबह खाली पेट खाने से अधिक लाभ मिलता है। आँवला मुरब्बा aavla murabba आप भी घर पर ही आसानी से बना सकते है।
आँवला मुरब्बा की सामग्री – Amla Murabba Samagri
आँवला 1 किग्रा
शक्कर 1 .5 किग्रा
केसर 20 -25 पत्तियां
फिटकरी पाउडर आधा चम्मच
आँवले के मुरब्बे की विधि – Amla Murabba Vidhi
— मुरब्बा बनाने के लिए आंवले बड़े , पके हुए , बिना दाग वाले ताजे होने चाहिए ।
— साफ पानी से आंवलो को धोकर ,पानी में डाल कर दो दिन भीगो कर रखे।
— आंवलो को पानी से निकाल कर काँटे (फोर्क ) से अच्छी तरह गोदें ।
— इन्हें फिटकरी मिले पानी में डाल दें और तीन -चार दिन तक फिटकरी वाले पानी में रखे। आप चाहे तो फिटकरी की जगह दो चम्मच चूने का प्रयोग कर सकते है चूना पान वाले की दुकान पर आसानी से मिल जायेगा।
— फिटकरी वाले पानी में आंवलो को रोज थोड़ा थोड़ा हिला ले।
— तीन चार दिन बाद आंवलो का रंग थोड़ा बदल जायेगा। फिटकरी के पानी से निकाल कर आंवलो को साफ पानी से धोलें।
— फिटकरी के पानी में रखने से आंवले का तोरापन खत्म हो जाता हैऔर सॉफ्ट भी हो जाते है।
— एक बरतन में पानी गरम करे। पानी इतना ले की आंवले पूरी तरह से पानी में डूब जाए।
— पानी में उबाल आने पर गोदें हुए आंवले पानी में डाल दे। दो मिनिट बाद गैस बन्द कर दे व दस मिनिट के लिए ढक्कन लगा कर रखे।
— आंवले बहुत ज्यादा नहीं गलने चाहिए।
— आँवलो को चलनी में डाल कर पानी निकाल दे।
— अब एक बरतन में डेढ़ किलो शक्कर ले। आंवलो को इस बरतन में डालकर हिला लें और रातभर (7 -8 घण्टे ) के लिए ढक्कन लगाकर रख दें।
— आंवले पानी छोड़ेंगे , जिससे शक्कर का चाशनी जैसा घोल बन जाता है।
— अब इसे आप गैस पर पकाए जब एक तार की चाशनी बन जाये तब गैस बंद कर दे।
— ठंडा होने पर ढक्कन लगाकर दो दिन के लिए रख दे।
— दो दिन बाद चाशनी थोड़ी पतली लगे तो आंवले चाशनी से निकाल दें और इस चाशनी को एक तार की होने तक और पका लें।
— अब आंवले वापस इस चाशनी में डाल दे।
— अब इसमें केसर डाल दे।
— ठन्डे होने पर सूखे काँच के कन्टेनर में भर कर रखें । रोजाना खुद भी खाएँ औरों को भी खिलाएँ ।
आँवले का मुरब्बा टिप्स
— आंवले बिना दाग वाले पके हुए बड़े, ताजे व कम रेशे वाले होने चाहिए।
— आंवलों को अच्छी तरह गोदें अन्यथा अंदर तक मीठे नहीं हो पाएंगें इसीलिए अंदर तक अच्छी तरह से गोदें ।
— आंवले को चाशनी के साथ अच्छी तरह पकाना चाहिए तभी वे पूरी तरह मीठे होंगे।
— 5 -7 दिन चाशनी में रहने के बाद आंवले अच्छी तरह मीठे हो जाते है।
— चाशनी बहुत ज्यादा गाढ़ी नहीं होनी चाहिए अन्यथा अंदर तक मीठे नहीं होगे।
— पकाने के लिए तापमान बहुत तेज न रखे मीडियम आंच पर पकाये।
— मुरब्बे के लिए किसी भी प्रिजरवेटिव की आवश्यकता नहीं होती क्यों की शक्कर की चाशनी ही इसमें प्रिजरवेटिव का काम करती है।
— थोड़ा पुराना होने पर मुरब्बे का रंग बदल सकता है। यह मुरब्बा खराब नहीं होता है आप काम में ले सकते है।
— बची हुई चाशनी में नींबू का रस काला नमक , काली मिर्च डाल कर गर्मियों में शर्बत की तरह उपयोग में ले सकते है।
— आंवले चाशनी में डूबे रहे तो फ्रिज में रखने की जरूरत नही होती।