सुंदर कांड के पाठ से लाभ / Benefits from the text of beautiful scenes
सुंदर कांड तुलसीदास जी रचित श्रीरामचरितमानस का वह हिस्सा है जिसमे हनुमान जी की महिमा बताई गई है। शुभ अवसर पर सुंदरकांड sundarkand का पाठ किया जाता है। माना जाता है कि सुन्दर कांड का पाठ करने से मनुष्य के सब कष्ट दूर होते हैं तथा मनोकामना पूर्ण होती है।
सुंदरकांड में तीन श्लोक , सात दोहे और पांच सौ छब्बीस चौपाइयां हैं। वैसे तो सुंदर कांड का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है लेकिन मंगलवार तथा शनिवार के दिन सुन्दर कांड का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है।
हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं। ऐसा माना जाता है की हनुमान जी कलियुग में भी धरती पर विचरण करते हैं। सुंदर कांड के पाठ से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है तथा जीवन में खुशियों का संचार होने लगता है।
यदि एक दिन में सुंदरकांड का पाठ पूरा ना हो पाए तो एक दिन में सात , ग्यारह या इक्कीस चौपाई करके भी सुंदर कांड का पाठ पूरा किया जा सकता है।
सुंदरकांड के पाठ करने से लाभ
वैसे तो प्रभु की भक्ति के लाभ असीमित होते हैं। सुंदरकांड का पाठ करके हनुमान जी की भक्ति और स्तुति करने से कुछ विशेष लाभ मिल सकते हैं जो इस प्रकार हैं –
— अकारण किसी काम में आ रही अड़चन या परेशानी दूर हो जाती हैं।
— सुंदर कांड का पाठ करने या सुनने से मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।
— जीवन में आ रही अत्यधिक परेशानियाँ कम हो जाती हैं।
— आत्म-विश्वास की कमी या इच्छा शक्ति में कमी दूर होती है।
— सुंदरकांड के मंगलाचरण का रोजाना पाठ करने से व्यापार और नौकरी में तरक्की होती है।
— सुंदर कांड के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करने से धन धान्य में बढ़ोतरी होती है।
— सुंदर कांड का पाठ करके एक जटा युक्त नारियल अपने ऊपर से सात बार उतार कर हनुमान जी के मंदिर में चढ़ाने से राहू की शांति होती है। इस नारियल पर सरसों या तिल का तेल छिड़क कर चढ़ाने से शनि का प्रकोप शांत होता है।
सुन्दरकांड के पाठ का तरीका
मन में यह विश्वास रखकर कि जैसे हनुमान जी ने श्रीराम के काज संवारे , वैसे ही हमारे भी संवारेंगे, सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए। सुंदर कांड के पाठ की विधि इस प्रकार है –
— स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
— एक चौकी पर हनुमान जी और श्रीराम भगवान की सुंदर फोटो स्थापित करके पुष्प आदि से सजाएँ।
— गणेश जी , शंकर भगवान , श्रीराम भगवान और हनुमान जी का ध्यान करके आवाहन करें।
— सिन्दूर में चमेली के तेल मिलाकर हनुमान जी को तिलक लगायें।
— पीपल के सात पत्ते हनुमान जी के चरणों में रखें।
— घी का दीपक जलाएं। यह दीपक सुन्दर कांड के पूरे समय तक जलना चाहिए।
— फल , गुड़ चना , लड्डू आदि मिठाई का भोग लगायें।
— गुरूजी और पितरों आदि का ध्यान करके उन्हें प्रणाम करें।
— सबसे पहले गणेश जी की स्तुति करें।
— इसके बाद श्रीराम की वंदना करें। फिर सुन्दर कांड का पाठ शुरू करें।
— पाठ समाप्त होने पर हनुमान जी की आरती की और श्रीरामजी की आरती करें।
आरती पढ़ने के लिए क्लिक करें –
हनुमान जी की आरती / श्रीरामजी की आरती
— आवाहन किये गए देवताओं को विदा करें।
— उपस्थित लोगों को आरती और प्रसाद दें।
सुंदरकांड के नियम-
जिस दिन सुंदर कांड का पाठ करें उस दिन कुछ नियमो का पालन अवश्य करना चाहिए। ये नियम इस प्रकार हैं –
— सुंदर कांड का पाठ सुबह या शाम को चार बजे के बाद करें। बारह बजे से चार बजे के बीच ना करें।
— सुंदर कांड चल रहा हो तब बीच में उठें नहीं तथा अनावश्यक बातचीत ना करें।
— मांस , मदिरा तथा धुम्रपान गुटका आदि तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल न करें।
— नाख़ून ना काटें तथा बाल ना कटवाएं।
— ब्रह्मचर्य का पालन करें।
— उस दिन चाकू या कैंची आदि धार युक्त चीजें ना खरीदें।
— इस दिन जेब में एक लाल रंग का रुमाल रखें।
— सुन्दर कांड के बाद बच्चों को मिठाई बाटें और किसी गरीब व्यक्ति को खाना खिलाएं।
हनुमान जी सब भक्तो पर कृपा बनाये रखें।
जय श्रीराम ….!!!