सोंठ के फायदे / Benefits Of Dry Ginger Powder

सोंठ अर्थात सूखी हुई अदरक हजारों सालों से सोंठ का प्रयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों को बनाने के लिए किया जा रहा है। यह एक बहुत ही चमत्कारिक तथा महत्वपूर्ण जडी-बूटी है क्योंकि इसमें विविध प्रकार की औषधीय विशेषताएँ पाई जाती हैं, जिससे हमारे शरीर में भिन्न प्रकार की बीमारीयों को उत्पन्न होने से रोकथाम होती है। सोंठ को प्राकृतिक रूप से अनगिनत संख्या में पाई जाने वाली बीमारिओं के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे कई प्रकार की कढही को तैयार करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। यूँ तो हर एक के घर में ताजी अदरक रहती ही है, पर कभी कभी अदरक के स्थान पर सोंठ का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। सोंठ, पावडर तथा साबुत दोनों तरह से उपलब्ध होता है तथा भिन्न भिन्न प्रकार से उपयोग में लाया जाता है।

सोंठ पावडर को यदि हम चटनी, दाल या कढही में थोडा सा डाल दें, तो उसका स्वाद भी बढ जाता है तथा हमें इन चीजों को पचाने में भी आसानी हो जाती है। कई लोगों को मसालेवाली चाय पीना पसंद होता है। चाय के मसालों में भी सोंठ पावडर डालने से चाय में एक भीनी-भीनी खुशबू आने लगती है।

सोंठ में 1.6 से 2.44 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है जिनमें से दो तिहाई प्रोटीन के रूप में होती है । ये एल्ब्यूमिन, ग्लोब्युलि और ग्लूटामिन नाम से व सूक्ष्म रूप में थ्रिओनिन नाम से पाए जाते हैं । प्रोटीनों के अतिरिक्त मुक्त अमीनो अम्ल भी हैं- यथा ग्लूटेमिक एसिड, एस्पार्टिक एसिड, सीरीन, प्लाइसीन थ्रीयोविन, ऐलेनीन अर्जीनीन, बेलीन, फिनाइल एलेन, एस्पेरेजीन, लायसीन, सीस्टीन, हिस्टीडीन, ल्यूसीन्स प्रोलीन एवं पाइकोलिक एसिड। कार्बोहाइड्रेटों में स्टार्च के अतिरिक्त ग्लूकोस, फ्रूक्टोस, सुक्रोस, रैफीनील आदि भी सोंठ में पाए जाते हैं।

कमरदर्द

कमरदर्द में आधा चम्मच सोंठ का चूर्ण दो कप पानी में उबालकर आधा कप रह जाए तब छानकर ठंडाकर उसमें दो चम्मच अरंडी तेल मिला कर रोज रात को पिएं।

कब्ज

कब्ज होने पर एक चम्मच सोंठ का पाउडर पानी में डाले और उस पानी को उबालकर पी लें। कब्ज में ये उपाय रामबाण है।

पीलिया

सोंठ और गुड़ को पानी में मिलाकर नाक में उसकी बूंदे डालने से हिचकी दूर होती है। सोंठ और गुड़ खाने से पीलिया मिटता है। सौंठ , आंवले और मिश्री का बारीक चूर्ण बनाकर सेवन करने से एसिडिटी खत्म होती है।

आंखों के रोग

सोंठ नीम के पत्ते या निंबोली पीसकर उसमें थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर गोलियां बना लें। गोली को मामूली गर्म कर आंखों पर बांधने से आंखों की पीड़ा कम होती है।

आधा सिरदर्द

सोंठ को चंदन की तरह घिसकर उसका सिर पर लेप करें। चार ग्राम सोंठ का काढ़ा बनाकर पीने से पेट की बीमारियां खत्म हो जाती है।

गर्भपात रोकने के लिए

महिलाओं में गर्भपात रोकने के लिए सोंठ, मुलहठी और देवदारू का दूध के साथ सेवन करना चाहिए। इससे गर्भ पुष्ट होता है।

 

  • सोंठ को दूध में उबालकर, ठंडा करके पीने से हिचकी आना बंद हो जाती है। पसलियों में दर्द होने पर इसे पानी में उबालकर ठंडा कर दिन में कम से कम चार बार पीने से लाभ होता है।
  • इसमें कैंसररोधी गुण भी मौजूद होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं। इसके अलावा गर्भाशय के कैंसर की संभावनाओं को कम करने में भी यह फायदेमंद है।
  • यह पसीने को निकालने में सहायक है, जिससे शरीर का तापमान कम हो सकता है और शरीर के विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे बुखार में भी आराम मिलता है। शहद के साथ इसे खाने से बुखार कम होता है।
  • सोंठ, हींग और काला नमक मिलाकर लेने से गैस की समस्या में लाभ होता है। पिसी हुई सोंठ और कैरम के बीजों को नींबू के रस में भि‍गोकर छाया में सुखाकर प्रतिदिन सुबह लेने से गैस और पेडू के दर्द में आराम मिलता है।
  • जी मचलाने, ठण्ड में पसीना आने, चक्कर आने और उल्टी आने जैसी समस्याओं को कम करने में यह बेहद फायदेमंद है। यह गर्भवती महिलाओं की समस्याओं को कुछ हद तक कम करने में सहायक है।
  • लकवे के प्रभाव को कम करने के लिये सूखी अदरक का पाउडर, जिगरी और गर्म मसूर की दाल को मिलाकर खाने से फायदा होता है। इसके अलावा लहसुन, सूखी अदरख और पानी का लेप बनाकर लगाने से भी काफी लाभ होता है।
  • जोड़ों के दर्द में सूखी अदरक, जिसे हम सोंठ कहते हैं, काफी लाभदायक होती है। सोंठ, जायफल को पीसकर तिल के तिल  में डालकर, उसमें भीगी हुई पट्टी जोड़ों पर लगाने से आराम मिल सकता है। इसके अलावा उबले हुए पानी के साथ शहद और अदरक पाउडर को पीने से गठिया में लाभ होता है।
  • यह पाचनक्रिया को दुरूस्त कर वजन कम करने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह रक्त में मौजूद शर्करा के स्तर को नियंत्रित कर, वसा को सक्रिय करता है।
  • पेट दर्द, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं में इसे पीसकर हींग और सेंधा नमक के साथ लेने से आाम मिलता है। इसके अलावा इसे पानी के साथ उबालकर बार-बार पीने से डायरिया में काफी लाभ मिलता है।
  • सि‍रदर्द, माइग्रेन, गर्दन और शरीर का दर्द होने पर सूखी अदरक और पानी का लेप बनाकर लगाने से आराम मिलता है। इसे सूंघने से छींक आने पर भी सि‍र दर्द को आराम पहुंचाता है।
  • अदरक में थर्मोजेनिक एजेंट नामक तत्व होता है जो वसा को जलाने में मदद करता है, जिससे वजन आसानी से कम होता है। गरम पानी के साथ इसका सेवन मोटापे को कम करने में सहायक है।
  • डायरिया के इलाज के लिए सोंठ पावडर बहुत ही फायदेमंद होता है। थोडे से गुनगुने पानी में एक चम्मच सोंठ का रस या पावडर डालकर इसे दिन में 2 से 3 बार लेने से डायरिया की समस्या दूर होने लगती है।
  • यदि सोंठ के पावडर में यदि थोडी सी हींग, तथा काला नमक मिलाकर गर्म पानी में मिक्स करके लिया जाए, तो कब्ज की शिकायत दूर होने लगती है तथा अपचन और पेट दर्द से भी राहत मिलने लगती है।
  • सोंठ में Gingerols नामक अत्याधिक शक्तिशाली तत्व पाया जाता है। जिसमें एंटी इन्फलैमेटरी होने के गुण पाये जाते है जो शरीर में होने वाले दर्द को काफी मात्रा में कम करने के लिए सहायक है। जिन लोगों को घुटनों में दर्द की शिकायत है उन लोगों ने यदि एक साल तक लगातार नियमित रूप से सोंठ का सेवन किया तो उनके घुटनों का दर्द कम होने लगता है।
  • यदि आपको माइग्रेन की समस्या है तथा आपको सर में असहनीय दर्द होता है तो सोंठ पावडर (1 चम्मच) को 1 कप गुनगुने गरम पानी में मिलाकर पी लेने से आपको तुरंत ही राहत महसूस होने लगती है।
  • सोंठ पावडर हमारे दांतों की तकलीफों को भी दूर करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। यदि आपके मसूडों में सूजन है तथा दांत में दर्द है तो सोंठ पावडर में चुटकी भर हल्दी मिलाकर प्रभावित क्षेत्र में इस मिश्रण को लगाने से लाभ होता है तथा दर्द कम होने लगता है।
  • यदि आपको मामूली बुखार है तो थोडी सी शहद लेकर उसमें सोंठ पावडर तथा लिको राइस पावडर मिला लें तथा इसे चाटें। ऐसा करने से आपका बुखार प्राकृतिक रूप से ठीक होने लगेगा तथा आप एलोपैथी दवाइयों को लेने से होनेवाले दृष्परिणामों से भी बच जाएंगे।
  • सोंठ एक अग्निवर्धक जडीबूटी होने के कारण यह हमारे नाक तथा छाती में जमा हुआ बलगम तथा कफ की मात्रा को कम करने में बहुत ही लाभवर्धक है।
  • सोंठ हमारे हृदय के स्वास्थ को बनाए रखने के लिए एक अत्यंत ही आदर्श औषधी है। यह हायपर टेंशन को कम करती है। सोंठ पावडर की वजह से हमारे शरीर में रक्त को पतला होने में सहायता प्राप्त होती है। जिससे शरीर में ब्लडक्ल़ॉट्स नहीं होते। इस प्रकार सोंठ हमारे शरीर को दिल का दौरा पडने से सुरक्षा प्रदान करती है। सोंठ हमारे शरीर में कोलेस्टेरॉल की मात्रा को भी नियंत्रित करने में बहुत ही प्रभावशाली मानी जाती है।
  • यदि सोंठ पावडर तथा शक्कर को एक गिलास दूध में मिलाकर पीया जाए, तो पेशाब के संक्रमण से राहत मिलती है तथा पेशाब करते वक्त होने वाला दर्द भी कम होने लगता है।
  • बच्चों के पेट में यदि कीडे़ हों तो उन्हें अदरक के रस की एक-एक चम्मच मात्रा दिन में दो बार नियमित रूप से देनी चाहिए। अदरक का रस कान में डालने पर कान का दर्द ठीक हो जाता है।

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