अगर आप अभी तक दही नहीं खाते हैं, तो आज ही से शुरू कीजिए। आहार विशेषज्ञों के साथ-साथ अब वैज्ञानिक भी दही खाने की वकालत कर रहे हैं। हाल ही में हुए शोध के परिणाम बताते हैं कि दही खाने से मानसिक स्वास्थ को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
एक शोध के मुताबिक, दही जैसे प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से न सिर्फ आंत में बैक्टीरिया को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, बल्कि यह चिंता कम करने के साथ-साथ मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार भी करती है। हाल ही में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि जो लोग हर रोज दही का सेवन करते हैं, उनमें चिंता और अवसाद का जोखिम कम होता है। अधिकतर लोग गर्मियों में दही खाना पसंद करते हैं क्योंकि यह शरीर को ठंडक देती है। लेकिन, इसके अलावा भी दही खाने के कई फायदे हैं।
लाइफ स्टाइल बढ़ा रहा है तनाव
आजकल की बदलती जीवनशैली, व्यस्तता और खराब सामाजिक जीवन के चलते अक्सर चिंता और बेवजह का तनाव होने लगता है। बहुत कम समय और बहुत ज्यादा अपेक्षाओं के चलते दुनिया भर की आबादी चिंता और चिंता जनित अवसाद से ग्रसित है। यहीं चिंता धीरे-धीरे अवसाद के तौर पर गंभीर समस्या बन जाती है।
क्या कहता है शोध
इसलिए जिंदगी में शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बेहद जरूरी हो गया है। हालांकि, चिंता से मुक्ति पाना आसान नहीं है। लेकिन शोध के मुताबिक,खाने में भरपूर मात्रा में दही शामिल करके चिंता व तनाव से राहत मिल सकती है। शोध में पता चला है कि प्रोबायोटिक्स आंत के बैक्टीरिया को नियंत्रित करने के अलावा मस्तिष्क की कार्यक्षमता को सुधारने में भी अहम भूमिका निभाते हैं, जो चिंता के लक्षणों को कम करती है।
कैसे चिंता कम करता है दही
प्रोबायोटिक्स को अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, क्योंकि ये हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ते हैं। जिससे आपका मूड फ्रेश होता है। चिंता स्रावित करने वाले हार्मोन में कमी आती है। शोध यह भी बताता है कि आंतों के माइक्रोबायोटो को नियंत्रित करके मानसिक विकारों का उपचार हो सकता है। इसका समर्थन करने वाला अभी कोई ठोस सबूत नहीं है। पर दही खाने में कोई बुराई भी नहीं है। आखिर स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन का वास होता है।