पैदल चलने के फायदे / Benefits of walking

अगर आप खूबसूरत, फि‍ट और एक्टिव रहना चाहते हैं, तो आज ही से पैदल चलने को अपने रूटीन में शामिल करें। पैदल चलने अर्थात वॉकिंग के फायदों में स्‍वस्‍थ शरीर ही नहीं, बेहतर मेमोरी भी शामिल है। त्‍वचा विशेषज्ञ तो वॉकिंग को एंटी एजिंग गुण मानते हैं। इसे शरीर के सभी हिस्‍सों में रक्‍तसंचार सामान्‍य होता है। जिससे सेहत और मेमोरी दोनों बेहतर होती हैं। पर जरूरी है कि वॉकिंग के समय तनाव घर पर ही छोड़ कर जाएं। स्‍मोकिंग जैसी आदतों को भी वॉकिंग रूटीन में शामिल न करें। आइए जानते हैं क्‍या है वॉकिंग के फायदे

शोध की मानें
अध्ययन से पता चलता है कि वॉकिंग यानी पैदल चलने से जोड़ों के दर्द और अकड़न से निजात दिला सकती है। पैदल चलने से हड्डियों के साथ-साथ मांसपेशियों की क्षमता को भी बढ़ाती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों के लिए सुबह की सैर फायदा पहुंचा सकती है। इसके अलावा, कुछ अध्ययन बताते हैं कि रजोनिवृत्ति के बाद जो महिलाएं रोजाना एक मील चलती हैं, उनमें हड्डियों का घनत्व रोजाना कम चलने वाली महिलाओं की तुलना में अधिक रहता है।

ये हैं पैदल चलने के फायदे
कम होता है मोटापा
अनियंत्रित खान-पान और खराब जीवनशैली मोटापे का सबसे बड़ा कारण है। जब हम बिना शारीरिक परिश्रम के किसी भी वक्त भोजन का सेवन करने लग जाते हैं। इससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है। बाद में यही मोटापा कई बीमारियों का कारण बन सकता है। अगर आप इसे कम करना चाहते हैं, तो रोजाना नियमित रूप से पैदल चलें। प्रतिदिन 30-40 मिनट की सैर आपकी अतिरिक्त कैलोरी को कम करने में मदद करेगी।

इम्यून सिस्टम होता है मजबूत
रोजाना सैर से शरीर में रक्त संचार बेहतर बना रहता है, जिसका सकारात्मक प्रभाव प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ता है। शरीर में रक्त का प्रवाह सही होने से ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार आता है। प्रतिदिन 30 मिनट की सैर आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत कर बीमारियों से लड़ने में मदद करेगी।

प्रतिदिन 30 मिनट की सैर आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत कर बीमारियों से लड़ने में मदद करेगी।

गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस से निजात
अनियंत्रित जीवनशैली और बढ़ती उम्र का एक नकारात्मक प्रभाव गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस है। ऑस्टियोपोरोसिस वह बीमारी है, जिसमें हड्डियों की गुणवत्ता और घनत्व कम होने लगता है, जिससे चलने-फिरने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं, गठिया से पीड़ित इंसान को जोड़ों में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने रूटीन में पैदल चलने अर्थात वॉकिंग को शामिल करें।

अवसाद और तनाव से मुक्ति
शोध में पता चलता है कि अगर तनाव से ग्रसित व्‍यक्ति रोज 20 से 40 मिनट की सैर करे, तो वो अपने तनाव का स्तर कम कर सकता है। इस समय की सबसे बड़ी बीमारियों में डिप्रेशन को गिना जाता है। यह कई मानसिक व शारीरिक रोगों का कारण बन सकता है। सबसे घातक परिणाम मृत्य भी हो सकता है। यह एक धातक विकार है। अगर आप सुबह सैर करते हैं, तो आप तनाव मुक्त हो सकते हैं। सुबह की ताजगी भरी सैर मन-मस्तिष्क को शांत करने में मदद करेगी।

हृदय स्वास्थ्य
शोध से पता चलता है कि मात्र चलने से हृदय संबंधी जोखिम 31 प्रतिशत और इससे मरने का जोखिम 32 प्रतिशत तक कम हो सकता है। यह लाभ पुरुष और महिलाओं दोनों पर लागू होता है। हृदय स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए आप रोज सुबह की सैर का आनंद ले सकते हैं। सुबह की नियमित सैर आपको मजबूत बनाती है, जिससे आपको हृदय से जुड़े रोगों से लड़ने में मदद मिलती है। हृदय की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए पैदल चलना अच्छा विकल्प हो सकता है।

मधुमेह नियंत्रण
मधुमेह अनियंत्रित जीवनशैली के कारण होनी वाली आम बीमारियों में से एक है। वहीं, अगर आप सुबह घूमने जाते हैं, तो आप इस समस्या को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। शोध के अनुसार, सुबह 30 मिनट की सैर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के साथ-साथ टाइप-2 डायबिटीज से निजात दिलाने में मदद कर सकती है।

बढ़ती है मस्तिष्क की कार्यक्षमता
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली के लिए भी सुबह की सैर जरूरी है। नियमित व्यायाम जैसे मॉर्निंग वॉक आपकी याददाश्त को बढ़ा सकता है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बेहतर कर सकता है। जब आप चलते हैं, तो मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है और रक्त की आपूर्ति में तेजी आती है, जिससे याददाश्त मजबूत होती है।

थकान से मुक्ति
हर रोज थोड़ी सैर करने से आपकी थकान दूर होती है और आप दिनभर खुद को तरोताजा महसूस कर सकते हैं। सुबह की ताजी हवा शरीर में स्फूर्ति प्रदान करने का काम करती है और आपको ऊर्जावान बनाती है। यहां तक कि मॉर्निंग वॉक कैंसर के मरीजों में भी थकान को दूर करने का काम करती है।

बढ़ती है फेफड़ों की कार्यक्षमता
रोजाना 20 मिनट वॉक करने से आपके फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ सकती है। सुबह की सैर आपके फेफड़ों को मजबूत करने का काम करती है, जिससे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और सांस लेने में आसानी होती है। फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए सुबह की सैर एक प्रभावी विकल्प है।

कोलेस्ट्रॉल रहता है नियंत्रित
स्वस्थ रहने और सेल्स मेमब्रेन के निर्माण के लिए शरीर को निश्चित मात्रा में कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। वहीं, रक्त लिपिड (फैट) की मात्रा अधिक होने पर दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस अवस्था में एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है और एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती है। ऐसे में अगर आप नियमित रूप से मॉर्निंग वॉक करते हैं, तो बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है।

बॉडी होती है टोंड
अगर आप कठिन व्यायाम किए बिना शरीर को टोंड करना चाहते हैं, तो रोजाना पैदल चलने की आदत डालें। पैदल चलना एक बढ़िया विकल्प है, जिससे आप पैरों, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों को टोन कर सकते हैं। अगर आप रोजाना सुबह सैर पर जाते हैं, तो जिम जाए बिना आप फिट रह सकते हैं।

त्वचा विशेषज्ञों का सुझाव है कि जो व्यायाम रक्त संचार को बढ़ावा देते हैं, वो चेहरे की चमक भी बढ़ाते हैं। इसके लिए पैदल चलना सबसे सटीक विकल्प हो सकता हैं!

एंटी एजिंग
त्वचा विशेषज्ञों का सुझाव है कि जो व्यायाम रक्त संचार को बढ़ावा देते हैं, वो चेहरे की चमक भी बढ़ाते हैं। इसके लिए पैदल चलना सबसे सटीक विकल्प हो सकता हैं, क्योंकि सुबह की सैर शरीर में रक्त संचार को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है। फलस्वरूप, चेहरा चमकदार बना रहता है और कील-मुंहासे नहीं होते हैं। सुबह की सैर प्राकृतिक रूप से आपके चेहरे की चमक बनाए रखती है।

स्‍वस्थ बाल
सुबह की सैर का एक बड़ा फायदा स्वस्थ बाल भी हैं। स्वस्थ बालों के लिए रक्त का सही संचार काफी मायने रखता है। सुबह की सैर रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद करती है। इसलिए, अगर आप अपने बालों को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो नियमित रूप से मॉर्निंग वॉक करें।

बेहतर होती है नींद
दिन भर का तनाव अक्सर आपकी नींद को छीन लेता है, जिससे शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता है। वहीं, अगर आप सुबह की सैर की आदत डाल लेते हैं, तो रात को अच्छी नींद का आंनद ले पाएंगे। तनाव मुक्त रहने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मॉर्निंग वॉक अच्छा तरीका है। अगर आप भी रात में अच्छी नींद न आने से परेशान हैं, तो कल से ही सुबह की सैर करना शुरू कर दें।

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