नव दुर्गा का महत्व / Importance of Nav Durga
प्रत्येक साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ महीनों में चार बार नवरात्र आते हैं ,लेकिन चैत्र और आश्विन माह की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक चलने वाले नवरात्र ही ज्यादा लोकप्रिय हैं जिन्हें पूरे देश में व्यापक स्तर पर मां भगवती की आराधना के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। धर्म ग्रंथों, पुराणों के अनुसार चैत्र नवरात्रों का समय बहुत ही भाग्यशाली बताया गया है। इसका एक कारण यह भी है कि प्रकृति में इस समय हर और नये जीवन का, एक नई उम्मीद का बीज अंकुरित होने लगता है। जनमानस में भी एक नई उर्जा का संचार हो रहा होता है। लहलहाती फसलों से उम्मीदें जुड़ी होती हैं। सूर्य अपने उत्तरायण की गति में होते है। ऐसे समय में मां भगवती की पूजा कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करना बहुत शुभ माना गया है। क्योंकि बसंत ऋतु अपने चरम पर होती है इसलिये इन्हें वासंती नवरात्र भी कहा जाता है।
Chaitra Navratri 2019: इन नवरात्रि होगा ये शुभ योग
नवरात्र के समय जहां मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है वहीं चैत्र नवरात्र के दौरान मां की पूजा के साथ-साथ अपने-अपने कुल देवी-देवताओं की भी पूजा अर्चना की जाती है जिससे ये नवरात्र विशेष हो जाता है।
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उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पं दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली के अनुसार वर्ष 2019 में चैत्र नवरात्र 06 अप्रैल से प्रारम्भ होकर 14 अप्रैल 2019 दिन रविवार को प्रातः 6 बजे तक नवमी तत्पश्चात दशमी तिथि तक होगा । संवत्सराम्भ एवं पक्षारम्भ 6 अप्रैल 2019 दिन शनिवार को ही प्रतिपदा तिथि सूर्योदय से दोपहर 02:58 बजे तक होगा । 06 अप्रैल से ही वासन्तिक नवरात्र की शुरुआत होगी । 05 अप्रैल दिन शुक्रवार को दोपहर 01 बजकर 36 मिनट पर प्रतिपदा तिथि लग रही है जो अगले दिन 6 अप्रैल को दोपहर 02:58 बजे तक रहेगी ,इसके बाद द्वितीया तिथि लग जायेगी । अतः उदया तिथि के कारण नवरात्र का आरम्भ 06अप्रैल दिन शनिवार से ही माना जायेगा । धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश स्थापना प्रतिपदा को अर्थात पहले दिन।
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कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त लाभ एवं अमृत चौघड़िया तथा शुभ अभिजीत मुहुर्त्त में किया जाना अति उत्तम होता है। इस वर्ष प्रातःकाल 07:20 बजे से 08:53 बजे तक शुभ चौघड़िया में सर्वोत्तम है। यदि किसी कारण नही कर पाए तो अभिजीत मुहूर्त्त एवं मध्यान्ह 11:30 से 12:18 बजे तक किया जाना उत्तम होगा। वैसे इस वर्ष घटस्थापना सुबह सूर्योदय से दोपहर 02:58 से पूर्व प्रतिपदा तिथि में किया जा सकता है।
इस प्रकार प्रतिपदा 6 अप्रैल 2019 को सूर्योदय 5 बजकर 47 मिनट से शुरु होगी। जो 12 अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार को सुबह 10:18 बजे से 13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह दिन में 08:16 बजे तक अष्टमी तिथि होगी उसके बाद नवमी तिथि लग जायेगा। 13 अप्रैल दिन शनिवार को महानवमी का व्रत होगा क्योंकि 13 अप्रैल को सुबह 08:16 बजे के बाद ही नवमी तिथि लग जायेगी जो 14 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक ही विद्यमान रहेगी अतः नवमी तिथि में ही नवरात्र सम्बंधित हवन -पूजन 14अप्रैल को प्रातः 06:00 बजे के पूर्व किसी भी समय किया जा सकता है । नवरात्र का पारण दशमी तिथि 14 अप्रैल दिन रविवार को प्रातः काल 6 बजे के बाद किया जाएगा*। साथ ही 13 अप्रैल दिन शनिवार को मध्यान्ह नवमी तिथि होने के कारण प्रभु श्री राम की जयतीं यानी रामनवमी का पुण्य पर्व भी मनाया जायेगा।
किस दिन कौन सा योग
7 अप्रैल- द्वितीया व सर्वार्थ सिद्धि योग. इसे काफी शुभ माना जाता है.
8 अप्रैल- तृतीया व रवि योग. इस योग में जो भी काम किए जाएं उनमें सफलता अवश्य मिलती है.
9 अप्रैल- चतुर्थी व सर्वार्थ सिद्धि योग. इस दिन जमीन आदि खरीदारी शुभ है.
10 अप्रैल- पंचमी व सर्वार्थ सिद्धि योग. इसे लक्ष्मी पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.
11 अप्रैल- छठ व रवि योग.
12 अप्रैल- सप्तमी व सर्वार्थ सिद्धि योग.
13 अप्रैल- अष्टमी व शुभ योग.
14 अप्रैल- नवमी. रवि पुष्य व सर्वार्थ सिद्धि योग.
Chaitra Navratri 2019
चैत्र नवरात्रि इस बार 6 अप्रैल, शनिवार से आरंभ होंगी. इस बार पूरे 9 दिन का पर्व मनेगा.
Navratri Kalash Stahpana Muhurat
चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को है. इस दिन रेवती नक्षत्र है. सुबह 06:09 बजे से 10:21 बजे तक कलश स्थापना का श्रेष्ठ मुहुर्त है.
जानें किस दिन होगी किस देवी की पूजा
पहला नवरात्र 6 अप्रैल शनिवार: घट स्थापन व मां शैलपुत्री पूजा, मां ब्रह्मचारिणी पूजा
दूसरा नवरात्र 7 अप्रैल रविवार: मां चंद्रघंटा पूजा
तीसरा नवरात्र 8 अप्रैल सोमवार: मां कुष्मांडा पूजा
चौथा नवरात्र 9 अप्रैल मंगलवार: मां स्कंदमाता पूजा
पांचवां नवरात्र 10 अप्रैल बुधवार: पंचमी तिथि सरस्वती आह्वाहन
छष्ठ नवरात्र 11 अप्रैल गुरुवार: मां कात्यायनी पूजा
सातवां नवरात्र 12 अप्रैल शुक्रवार: मां कालरात्रि पूजा
नवमी 13 अप्रैल शनिवार: मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी, महानवमी
चैत्र नवरात्रि के महत्वपूर्ण समय
सूर्योदय | 7 अप्रैल 2019 | 06:36 पूर्वाह्न |
सूर्यास्त | 7 अप्रैल 2019 | 18:33 अपराह्न |
प्रतिपदा तिथी आरंभ | 7 अप्रैल 2019 | 18:41 अपराह्न |
प्रतिपाद तिथी समाप्त | 7 अप्रैल 2019 | 18:31 अपराह्न |
अभिजीत मुहूर्त | 7 अप्रैल 2019 | 12:11 अपराह्न – 12:59 अपराह्न |
घोस्टाप्पन मुहूर्ता | 7 अप्रैल 2019 | 06:36 पूर्वाह्न – 10:35 पूर्वाह्न |