जानें क्या हैं हार्ट अटैक और शुरुआती लक्षण / Learn What Are Heart Attack and Early Symptoms

हृदय यानी दिल हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है। जब तक हृदय की धड़कन चल रही है, हमारा जीवन चल रहा है। कई बार कुछ कारणों से हृदय की ये गति घटती-बढ़ती रहती है। मगर जब तक हृदय शरीर के अंगों में ऑक्सीजन की सप्लाई करता है, तब तक जीवन चलता रहता है। पिछले एक-दो दशकों में दुनियाभर में हृदय रोगों के कारण मरने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है। इसका कारण लोगों की गलत जीवनशैली और खानपान की गलत आदतें हैं।

हृदय की मांसपेशिया जीवंत होती है और उन्हें जिंदा रहने के लिए आहार और ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जब एक या ज्यादा आर्टरी रुक जाती है तो हृदय की कुछ मांसपेशियों को आहार और ऑक्सीजन नही मिल पाती। इस स्थिति को हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा कहा जाता है। (इस सिलसिले में कुछ लोगो को भ्रम हो सकता है कि दिल से संबंधित और भी समस्याएं होती हैं जैसे – हार्ट वॉल्व की समस्या, कंजीनाइटल हार्ट प्रॉब्लम आदि, और जब हम दिल की बीमारियों की बात करते हैं तो आमतौर पर इन्हें शामिल नही किया जाता परन्तु यह समस्याएँ भी हृदय रोग से सम्बंधित होती है)।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज के मुख्‍य कारण

कोरोनरी आर्टरी डिजीज या कार्डियो वस्क्युलर बीमारी के ज्यादातर मामलों का मुख्य कारण अथीरोमा कही जाने वाली वसा धमनियों के अंदर जम जाती है। समत के साथ-साथ ये सतह बढ़ी होती जाती है और खून के बहाव में रूकावट होने लगती है और एंजाइना का दर्द होने बन जाता है।  ऐसा अधिकतर तब होता है जब इस सतह पर खून का थक्का बन जाता है। ऐसा होने पर हृदय की मांसपेशी के एक हिस्से में अचानक खून की कमी हो जाती है और वह क्षतिग्रस्त हो जाता है। इस अवस्था को ही हार्ट अटैक कहते हैं। अगर ये क्षति सीमित हो तो हृदय अपनी पहली वाली अवस्था में लौट सकता है लेकिन यदि नुकसान अधिक हो तो मौत भी हो सकती है।

जन्मजात हृदय की समस्याओं वाले कई व्यक्तियों में बहुत ही कम या कोई लक्षण नहीं पाये जाते। लेकिन कुछ गंभीर मामलों में लक्षण दिखाई देते हैं, खासतौर पर नवजात शिशुओं में यह प्रत्यक्ष होते हैं। इन लक्षणों में सामान्यतः तेजी से सांस लेना, त्वचा, होंठ और उंगलियों के नाखूनों में नीलापन, थकान और खून का संचार कम होना शामिल हैं। दिल के दौरे के लक्षणों में व्यायाम के साथ थकान शामिल है। सांस रोकने में तकलीफ, रक्त जमना और फेफड़ों में द्रव जमा होना तथा पैरों, टखनों और टांगो में द्रव जमा होना। जब तक बच्चा गर्भाशय में रहता है या जन्म के तुरंत बाद तक गंभीर हृदय की खराबी के लक्षण साधारणतः पहचान में आ जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह तब तक पहचान में नहीं आते जब तक कि बच्चा बड़ा नहीं हो जाता।

ह्रदय रोगों के लक्षण

अचानक सीने में दर्द दिल का दौरा पड़ने का संकेत हो सकता है, लेकिन अन्य चेतावनी के संकेत भी काफी मामलों में प्रत्यक्ष होते हैं।

आपको एक या फिर दोनो हाथों, कमर, गर्दन, जबड़े या फिर पेट में दर्द और बेचैनी महसूस हो सकती है।

आपको सांस की तकलीफ, ठंडा पसीना आना, मतली या चक्कर जैसे लक्षण हो सकते हैं।

आपको व्यायाम या अन्य शारीरिक श्रम के दौरान सीने में दर्द हो सकता है जिसे एनजाइना कहते हैं। जो कि जीर्ण कोरोनरी धमनी की बीमारी (सी ए डी) के आम लक्षण हैं।

लगातार सांस टूटने की अत्यधिक तीव्र तकलीफ दिल के दौरे की चेतावनी है। लेकिन हो सकता है यह अन्य हृदय की समस्याओं का संकेत हों।

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