विटामिन ए की कमी / Vitamin A deficiency
विटामिन ए Vitamin A वसा में घुलनशील विटामिन है और एक ताकतवर एंटीओक्सिडेंट है। यह आँखें, तंत्रिका तंत्र, त्वचा , नाख़ून , हड्डियाँ तथा अन्य कई अंगों को स्वस्थ बनाये रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
विटामिन A अन्य एंटीओक्सिडेंट की तरह फ्री रेड्कल से बचाव करके कैंसर तथा अन्य बीमारियों से बचाता है।
विटामिन A मजबूत हड्डी , जींस की कार्यविधि , स्वस्थ त्वचा तथा प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने में भी मददगार होता है। यह खून में लाल रक्त कण RBC बनने में सहायक होता है।
विटामिन A पाचन तंत्र , श्वसन तंत्र , मूत्र संसथान आदि को संक्रमण से बचाने के लिए भी आवश्यक होता है।
विटामिन A किसमें ज्यादा होता है
विटामिन ए लाल पीले फल व सब्जी और पत्तेदार सब्जी में अधिक मिलता है। कददू , गाजर , टमाटर , मटर , पालक , लाल मिर्च , संतरा , खरबूजा , तरबूज , शकरकंद , ब्रोकली आदि में यह प्रचुर मात्रा में होता है। खुबानी इसका एक बहुत अच्छा स्रोत है।
विटामिन ए की कमी लक्षण व उपाय
गेहूं से बनी रोटी जो की हमारा मुख्य आहार है उसमे विटामिन A नहीं होता है। रोटी पर घी लगाने से इसकी पूर्ती हो जाती है। घी में विटामिन A होता है। अतः रोटी पर घी जरूर लगाना चाहिए।
विटामिन ए दो तरह से प्राप्त होता है।
रेटिनॉल Retinol के रूप में : यह एक्टिव विटामिन होता है और एनीमल फ़ूड यानी मांसाहार से प्राप्त होता है।
बीटा केरोटीन – केरोटेनोइड Carotenoid के रूप में : यह पेड़ पौधों से प्राप्त होता है लेकिन इसे शरीर इसे पचाकर पहले रेटिनॉल में बदलता है , फिर यह शरीर के काम आता है।
विटामिन ए प्राप्त करने के लिए कैप्सूल आदि खाने की अपेक्षा फल सब्जी आदि आहार लेना अधिक उपयुक्त होता है।अतः आहार में पीले , नारंगी , लाल रंग के फल सब्जी प्रचुर मात्रा में लेने चाहिये ताकि विटामिन A की पर्याप्त मात्रा शरीर को मिलती रहे और इसकी कमी ना हो। लेकिन चिकित्सक के अनुसार आवश्यकता होने पर दवा अवश्य लेनी चाहिए।
विटामिन ए की कमी के लक्षण
विटामिन A की कमी से शरीर में कई प्रकार की परेशानी हो सकती हैं। यदि नीचे बताये लक्षण महसूस हो तो विटामिन ए की कमी पर जरूर ध्यान देना चाहिए और भोजन में विटामिन A युक्त सामान की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।
— रात के समय या कम रौशनी में देखने में परेशानी होना , दिन के समय सही दिखाई देना।
— हथेली और तलुओं की स्किन दानेदार कड़क हो जाये।
— आँखों में जलन , चुभन या सूजन आदि ।
— बालों में रूखापन या रुसी डैंड्रफ।
— नाख़ून खुरदरे हो जाये और आसानी से टूट जाते हो।
— थकान व डिप्रेशन महसूस हो।
— नींद आसानी से नहीं आती हो।
विटामिन A की कमी के कारण
— सबसे मुख्य कारण भोजन में ऐसे आहार की कमी , जिनसे विटामिन A प्राप्त होता है।
— शरीर द्वारा विटामिन A ग्रहण नहीं कर पाना। किसी बीमारी के कारण आंतों की पोषक तत्वों के अवशोषण की क्षमता कम होने से यह हो सकता है।
— अधिक पेशाब आने से विटामिन A की कमी हो सकती है। टी बी , यूरिन इन्फेक्शन , न्यूमोनिया या किडनी में खराबी आदि बीमारी के कारण ऐसा हो सकता है।
— गर्भवती महिला को तीसरी तिमाही में खुद के तथा गर्भ के लिए अधिक मात्रा में विटामिन ए की जरुरत होती है। ऐसे में पर्याप्त मात्रा नहीं लेने से कमी हो जाती है।
— माँ के दूध में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ए होता है , जिन शिशुओं को माँ का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता उन्हें इसकी कमी हो जाती है। लेकिन स्तनपान कराने वाली माँ को इसकी कमी ना हो यह भी जरुरी है।
— जिन लोगों को लम्बे समय तक वसा के पाचन की समस्या होती है उन्हें विटामिन A की कमी होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
— शराब पीने से विटामिन A की कमी हो जाती है।
— जिन शिशुओं को माँ का पहला दूध यानि कोलेस्ट्रोम नहीं मिलता उन्हें विटामिन A की कमी हो सकती है।
— पर्याप्त आहार नहीं ले पाने के कारण 5 साल से छोटे बच्चों में विटामिन A की कमी अक्सर हो जाती है जिसके कारण दिखना बंद होना या अन्य दुखद परिणाम सामने आ सकते हैं। अतः इस समय उनका विशेष ध्यान रखने की जरुरत होती है।
विटामिन A की कमी से नुकसान
विटामिन A की कमी के कारण रतौंधी तो होती ही है , साथ ही कॉर्निया ख़राब होने से दिखाई देना भी बंद हो सकता है। इसके अलावा आँखों में सूखापन या जलन आदि हो सकते हैं । आँखें स्वस्थ रहे उसके लिए विटामिन A अत्यधिक जरुरी होता है।
विटामिन ए घाव भरने और नई स्किन जल्दी बनने मे भी सहायक होता है। यह त्वचा में होने वाले कैंसर से बचाता है , इसके अलावा स्किन को कोमलता प्रदान करता है। इसकी कमी से त्वचा में झुर्रियां जल्दी पड़ सकती हैं।
विटामिन A की कमी से शरीर की बाहरी और अंदरूनी त्वचा में सूखापन और कड़ापन आ सकता है। यह कमी श्वसन तंत्र , पाचन तंत्र या मूत्र संसथान के लिए बहुत हानिकारक हो सकती है।
गर्भवती महिला को विटामिन ए की कमी से माँ को या बच्चे को आँखों की समस्या हो सकती है। विटामिन A की कमी गर्भस्थ शिशु के लिए बहुत खतरनाक हो सकती है।
बच्चों में विटामिन A की कमी के कारण उनका शारीरिक तथा हड्डियों का विकास प्रभावित हो सकता है , प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उन्हें सर्दी जुकाम ज्यादा होते हैं , मीजल्स , डायरिया या फेफड़ों में संक्रमण आदि ज्यादा हो सकते हैं।
विटामिन ए की कमी से बचाव
Prevention of vitamin A deficiency
अपने भोजन में विटामिन ए युक्त सामान शामिल करें। बाजार में आजकल फोर्टीफाइड सामग्री उपलब्ध है जिनमे अतिरिक्त रूप से विटामिन खनिज आदि मिलाये जाते हैं उनका उपयोग करें।
चपाती घी से चुपड़ी हुई खायें। दो या तीन चम्मच घी से भी अच्छी मात्रा में विटामिन ए प्राप्त हो सकता है।
पीले , नारंगी और लाल रंग के फल सब्जी नियमित रूप से खाएं। गाजर का हलवा विटामिन ए के लिए सर्वोत्तम आहार है , सर्दी में जरूर खाएं। दो चम्मच घी से भी काफी मात्रा में विटामिन ए मिल
गर्भावस्था में अधिक मात्रा में विटामिन ए की जरुरत का ध्यान रखें। शिशु को स्तन का पहला दूध अवश्य पिलायें इसके भी स्तनपान जरुर करायें।
5 साल से छोटे बच्चों को विटामिन ए युक्त आहार भरपूर मात्रा में दें।
पाचन सम्बन्धी बीमारी या समस्या का जल्द से जल्द उचित उपचार करायें।
शराब का सेवन ना करें।