यीस्ट के फायदे नुकसान और उपयोग – Yeast benefits and uses

यीस्ट Yeast एक कोशिका वाले ओवल आकार के अति सूक्ष्म कवक होते हैं। ये कवक माइटोसिस Mitosis अथवा बडिंग Budding प्रक्रिया के द्वारा यानि विघटित होकर खुद के जैसे अनेक नए कवक का सृजन कर सकते हैं।

ये कवक इतने सूक्ष्म होते हैं कि माइक्रोस्कोप से ही देखे जा सकते हैं। जिस प्रकार दही के कीटाणु माइक्रोस्कोप से ही देखे जा सकते है। शक्कर इनका आहार होती है। ये शक्कर को अल्कोहोल और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस में परिवर्तित कर देते हैं।

यीस्ट कैसे काम करता है – 

जब मैदा के आटे में यीस्ट तथा चीनी मिला कर कुछ घंटे रखा जाता है तो कार्बन डाई ऑक्साइड गैस तथा एल्कोहॉल का निर्माण होता है। आटे के लचीलेपन के कारण गैस बाहर नहीं निकल पाती।

यीस्ट के फायदे नुकसान

इस वजह से आटा फूल जाता है यानि आटे में गैस इकट्ठी हो जाती है। इस प्रक्रिया में बनने वाले एथिल अल्कोहोल Ethyl alcohol के कारण ब्रेड में विशेष स्वाद और महक पैदा होती है।

Yeast एल्कोहॉल की उत्पत्ति करता है । इसलिए इसका उपयोग बियर या शराब बनाने के लिए भी किया जाता है।

26 डिग्री सेल्सियस से 33 डिग्री सेल्सियस का तापमान यीस्ट के लिया अत्यधिक अनुकूल होता है। 55 डिग्री या अधिक तापमान इन्हे नष्ट कर देता है। इसलिए यीस्ट के सही उपयोग और कार्य के लिए सही तापमान का होना आवश्यक होता है।

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यीस्ट के फायदे –

यीस्ट मे कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते है और ऊर्जा का स्तर बढ़ाने में सहायक होते है। यह प्रोटीन , आयरन , जिंक , मेग्नेशियम , पोटेशियम , सेलेनियम आदि का अच्छा स्रोत है। इसके अलावा इसमें विटामिन B समूह के B1 , B2 , B3 , B6 , B9 आदि पाए जाते हैं।

Yeast में प्रोबायोटिक गुण होते है जिसके कारण आंतों में फायदेमंद बैक्टीरिया को मदद मिलती है।

यह त्वचा , बाल और आँखों के लिए भी फायदेमंद होता है। यीस्ट टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों के लिए लाभदायक होता है।

यीस्ट से नुकसान –

यीस्ट से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। यदि सीने में तकलीफ हो , गला भींचता हुआ सा महसूस हो तो या साँस लेने में दिक्कत महसूस हो तो Yeast का उपयोग नहीं करना चाहिए।

यीस्ट के अधिक उपयोग से कुछ लोगों को गैस , पेट फूलना या हल्का सिरदर्द भी महसूस हो सकता है। यदि इस प्रकार के लक्षण से दिक्कत होती हो तो Yeast युक्त सामग्री का उपयोग ना करें।

यीस्ट और बेकिंग पाउडर में फर्क

कुछ लोग यीस्ट और बेकिंग पाऊडर को एक ही चीज समझते है। इनका काम भले ही एक जैसा लगे लेकिन ये दोनों बिलकुल अलग हैं। यीस्ट और बेकिंग पाउडर में अंतर इस प्रकार है –

—  बेकिंग पाउडर से केमिकल रिएक्शन के कारण बुलबुले बनते हैं जिसमे किसी कवक का समावेश नहीं होता है जबकि यीस्ट द्वारा उठा हुआ खमीर एक कवक की कार्यविधि से संपन्न होता है और यह एक बायलोजिकल रिएक्शन है।

—  बेकिंग पाउडर तुरंत अपना प्रभाव दिखाता है जबकि यीस्ट का प्रभाव दिखने में थोड़ा समय लगता है।

—  बेकिंग पाउडर नर्म घोल के लिए उपयोग में लिया जाता है और Yeast आटे जैसी ठोस चीज में अच्छा काम करता है। इन दोनों को आपस में एक दूसरे की जगह उपयोग नहीं किया जा सकता है।

—  yeast का उपयोग व्यंजन को स्पंजी बनाने के लिए किया जाता है। जैसे इडली , ढोकला , हांडवा , ब्रेड आदि।

—  यीस्ट द्वारा फर्मेंट किया हुआ खाना सुपाच्य व हल्का होता है।

—  जलेबी के लिए मैदा को फर्मेंट करके बनाया जाता है जो की मस्तिष्क के लिए लाभदायक होता हैं। यदि सुबह सूर्योदय के समय दूध के साथ जलेबी खाई जाये तो माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है।

—  Yeast मिलाकर उबटन बनाया जाये यह त्वचा के रंग को साफ करता है तथा इससे धूप से झुलसी त्वचा भी ठीक  होती है।

—  ब्रैड में भी खमीर होता है।  ब्रेड में दही व जैतून का तेल डालकर उबटन बनाया जा सकता है।  इससे त्वचा में निखार आता है।

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